A Secret Weapon For Shodashi
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The Mahavidyas undoubtedly are a profound expression in the divine feminine, each representing a cosmic perform and also a path to spiritual enlightenment.
वास्तव में यह साधना जीवन की एक ऐसी अनोखी साधना है, जिसे व्यक्ति को निरन्तर, बार-बार सम्पन्न करना चाहिए और इसको सम्पन्न करने के लिए वैसे तो किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है फिर भी पांच दिवस इस साधना के लिए विशेष बताये गये हैं—
देयान्मे शुभवस्त्रा करचलवलया वल्लकीं वादयन्ती ॥१॥
The Devas then prayed to her to wipe out Bhandasura and restore Dharma. She is considered to get fought the mother of all battles with Bhandasura – some Students are in the watch that Bhandasura took different sorts and Devi appeared in several sorts to annihilate him. Eventually, she killed Bhandasura Using the Kameshwarastra.
ह्रीं ह स क ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं
The Saptamatrika worship is especially emphasised for the people trying to find powers of Command and rule, as well as for those aspiring to spiritual liberation.
यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने Shodashi वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।
When the Shodashi Mantra is chanted with a clear conscience and also a determined intention, it can make any want arrive real for yourself.
Within the pursuit of spiritual enlightenment, the journey commences With all the awakening of spiritual consciousness. This Original awakening is essential for aspirants that are at the onset in their path, guiding them to recognize the divine consciousness that permeates all beings.
Her natural beauty is often a gateway to spiritual awakening, building her an object of meditation and veneration for anyone searching for to transcend worldly desires.
यत्र श्रीत्रिपुर-मालिनी विजयते नित्यं निगर्भा स्तुता
सर्वोत्कृष्ट-वपुर्धराभिरभितो देवी समाभिर्जगत्
इसके अलावा त्रिपुरसुंदरी देवी अपने नाना रूपों में भारत के विभिन्न प्रान्तों में पूजी जाती हैं। वाराणसी में राज-राजेश्वरी मंदिर विद्यमान हैं, जहाँ देवी राज राजेश्वरी(तीनों लोकों की रानी) के रूप में पूजी जाती हैं। कामाक्षी स्वरूप में देवी तमिलनाडु के कांचीपुरम में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी स्वरूप में देवी का विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में हैं। बंगाल के हुगली जिले में बाँसबेरिया नामक स्थान में देवी हंशेश्वरी षोडशी (षोडशी महाविद्या) नाम से पूजित हैं।
यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी हृदय स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari hriday stotram